बीकानेर की स्थापना 3 अपै्रल 1488 में जोधपुर के महाराजा राव जोधा के पुत्र बीकाजी ने की थी। प्राचीनकाल में बीकानेर रियासत जांगल प्रदेश या राती घाटी के नाम से जानी जाती थी।
महत्वपूर्ण तथ्य
- सोथी, पूंगल, डाडाथोरा प्राचिन सभ्यताएं बीकानेर में है।
- रेडक्लिफ रेखा के साथ बीकानेर की सीमा(168 किमी.) राजस्थान में सबसे कम लगती है।
- यह न्यूनतम अन्तराष्ट्रीय सीमा बनाने वाला संभाग है।
- रेडक्लिफ रेखा से सर्वाधिक दुर जिला मुख्यालय बीकानेर है।
- अन्तराष्ट्रीय सीमा के नजदीक संभागीय मुख्यालय बीकानेर है।
- अन्तराष्ट्रीय सीमा पर क्षेत्रफल में सबसे छोटा संभाग।
- सबसे कम नदियों वाला संभाग।
- जांगल प्रदेश – बीकानेर व उत्तरी जोधपुर का क्षेत्र।
- अवर्गीकृत वन सर्वाधिक बीकानेर में है।
- राजस्थान में 5 चिड़ीयाघर थे, जिनमें एक बीकानेर था जो वर्तमान में बन्द है।
- राजस्थान में बीकानेर(78) का घनत्व सबसे कम में द्वितिय स्थान पर है।
- बीकानेर में कोई नदी नहीं है।
- थली(बीकानेर) – मारवाड़ी की उपबोली है।
- लूणकरनसर – खारे पानी की झील।
विस्तार पूर्वक
- इन्दिरा गांधी नहर परियोजना – बीकानेर के इंजीनियर ने कवंर सेन ने 1948 में भारत सरकार के समक्ष एक प्रतिवेद प्रस्तुत किया जिसका विषय “बीकानेर राज्य में पानी की आवश्यकता” था।(इन्दिरा गांधी नहर परियोजना)
- गजनेर अभ्यारण्य – बटबट(इम्पीरियल सेन्डगाउज, रेत का तीतर) पक्षी तथा जंगली सुअर के लिए प्रसिद्ध है।
- जूनागढ़ का किला – राजा रायसिंह द्वारा निर्मित महल जिसे बीकानेर का किला के नाम से जाना जाता है। बीकानेर के पुराने गढ़ कि नींव बीकाजी ने 1485 में रखी।(जूनागढ़ का किला)
- लालगढ़ महल – इस महल का निर्माण राजा गंगासिंह ने अपने पिता लालसिंह की स्मृति में करवाया था। इस महल में अनूप संस्कृत लाइब्रेरी एवं सार्दुल संग्रहालय स्थित है।
- रामपुरा हवेलियां – बीकानेर की इन हवेलियों में हिन्दु, मुगल और यूरोपीय कला अद्भुत समन्वय है।
- करणी माता मंदिर – बीकानेर के देशनोक में स्थित करणी माता का मंदिर चुहों तथा स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है। यह मन्दिर चुहों के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। नवरात्रा(कार्तिक व चैत्र) में मेला भरता है।
- भांडासर के जैन मंदिर – बीकानेर में स्थित इस मंदिर में पांचवें तीर्थकर सुमतिनाथ जी की प्रतिमा है। यह मंदिर भांडा नाम के ओसवाल महाजन ने बनवाया था।
- श्री कोलायत – सांख्य दर्शन के प्रणेता महर्षि कपिल की तपोभूमी कोलायत है। कार्तिक पूर्णिमा को मेला लगता है।
- मुकाम – नोखा में विश्नोई समाज के संस्थापक जाम्भोजी की तपोस्थली। जहां वर्ष में दो बार मेला लगता है।
- कतारियासर – जसनाथी सम्प्रदाय का उत्पति स्थल।
- 33 करोड़ देवता मंदिर – इसमें हेरम्ब गणपति की प्रतिमा स्थित है जिसमें गणपति सिंह पर सवार है।
- देवीकुंड सागर – यहां बीकानेर राज परिवार की छतरियां है।
- गंगा गोल्डन जुबली म्यूजियम – बीकानेर संग्रहालय के नाम से प्रसिद्ध है। इसका उद्घाटन भारत गवर्नर जनरल लाॅर्ड लिनलिथगो ने 5 नवम्बर 1937 को किया था।
अन्य तथ्य
- ऊन काम्पलेक्स(औद्योगिक पार्क) – बीकानेर व ब्यावर।
- स्टेट वुलन मिल्स लिमिटेड(ऊन कारखाना) – बीकानेर।
- मरू त्रिकोण(जैसलमेर, बीकानेर, जोधपुर) का एक जिला।
- केन्द्रीय अश्व प्रजनन केन्द्र – जोहड़बीड़ बीकानेर।
- केन्द्रीय ऊंट प्रजनन केन्द्र – जोहड़बीड़ बीकानेर(1984)।
- ऊट महोत्सव बीकानेर जनवरी में होता है।
- बीकानेरी ऊंट – इस नस्ल के 50 प्रतिशत भारत में है।
- भेड़ की नस्ल पुंगल, बीकानेर की है।
- सुनहरी पाॅटरी – बीकानेर की प्रसिद्ध है। हस्तकला
- लोई – नापासर बीकानेर की प्रसिद्ध है।
- वियना व फारसी गलीचे बीकानेर के प्रसिद्ध है।
- मथैरण कला बीकानेर – पुरानी कथाओं पर आधारित देवताओं के भित्ति चित्र बनाना।
- राजस्थानी भाषा, संस्कृति एवं साहित्य विभाग का मुख्यालय – बीकानेर।
- विसरासर – देश की सबसे बड़ी जिप्सम उत्पादक कम्पनी।